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Jeevan
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया विचारधारा के नाम पर हिंदू आतंकवाद शब्द का नाम देना भारत के लिए दुर्भाग्यपूर्ण हैं ! विचारधारा (Ideology) को स्वीकारना या विरोध करना अभिव्यक्ति की आज़ादी हैं पर राज्य के सर्वोच्च पद पर नियुक्त व्यक्ति द्वारा हिंदुओं के धार्मिक भावनाओं को आहात पहुँचाना उचित नहीं ठहराया जा सकता है ! गीता ,कुरान,बाइबिल यह धार्मिक ग्रंथ हैं यह ग्रंथ किसी अन्य ग्रंथ पर कटाक्ष नहीं करता, श्री कृष्णा, पैगम्बर मोहम्मद , ईसा मसीह द्वारा बताये गए रास्तें पर हम चलते हैं जिनका मूल संदेश सर्व धर्म हिताये का होता है ! वें जानते है धर्म अंत नहीं मार्ग है आत्मा और परमात्मा के बीच धर्म माध्यम मात्र भर है ! धर्म मानवता का सृजन है उसी मानवता को हानि पहुंचा कर अधर्म करना, यह अपने धर्म को कलंकित करने जैसा है !
आजादी के वक़्त धार्मिक अस्मिता को संरक्षित रखने के लिए भारत माँ के दो हिस्से कर दिया जाता है, आज भी हिन्दुस्तान के लिए यह विडम्बना है धर्मनिरपेक्षता के आर में हिंदुओं के अस्मिता को निशाना बनाया जा रहा है ! वन्दे मातरम् , भारत माता की जय , हिन्दुस्तान जिंदाबाद, जय हिन्द यह देश प्रेम की भाषा है इस जज़्बा को भी धर्म से जोड़ कर देखना, भारत की सम्प्रभुता के लिए केवल खतरा ही नहीं, यह भारत को 1947 के तर्ज पर बंटवारे की निति को दोहराने के साजिश है !
हिन्दू धर्म विस्तारवादी निति, जबरन धर्मान्तरण, में विश्वास नहीं रखता व्यापकता के साथ सभी धर्म का सम्मान, सदभाव, के दृष्टि से स्वीकारता भी है और भाईचारा के साथ जीवन-शैली को अपनाता भी है, कटरपंथी सोच धर्म को संरक्षित नहीं करता समाज को बांटता है ! अपना हित साधने के लिए धर्म के नाम पर अपनी दूकान चलाने वाले, तुस्टीकरण की राजनीती कर , आपसी मतभेद , भाईचारे को समाप्त कर धार्मिक भावनाओं को हथियार बनाकर समाज में विद्वेष फैलाना केवल यही इसका मकसद होता है !
मूल रूप से भारत की यह पावन धरती हिंदू धर्म का उद्गम रहा है ! विस्तारवाद, साम्राज्यवाद निति में विस्वास रखने वाला मुल्कों का संकीर्ण सोच, हिंदुओं के स्वाभिमान उसके अस्तित्व को नहीं डिगा सकता है ! भारत के अखंडता, सम्प्रभुता , एकता जिसमे सभी धर्म के प्रति सम्मान सदा हिंदुओं की प्राथमिकता रही है जो विश्व भर में सर्वमान्य है, गौरवशाली परम्परा जो भारतीयता की पहचान है ! हिंदू आतंकवाद शब्द यह गौरवशाली परम्पराओं के खिलाप है हिन्दुस्तान इसे स्वपन में भी नहीं स्वीकार सकता है !
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